समावयवता
केमिस्ट्री
- डॉ वी के ओमर AIC
INSTITUTE,BARRA-3, 9450149685
समावयवता जब दो या दो से अधिक यौगिकों के अनुसूत्र समान होते
हैं लेकिन उनके संरचना सूत्र भिन्न भिन्न होते हैं भौतिक एवं रासायनिक गुणों में
अंतर होता है तो इस विशेष गुण को समावयवता कहते हैं तथा यह यौगिक समावयवी कहलाते हैं
जैसे ::C2H8O C2H5OH CH3OCH3
समावयवता कितने प्रकार की होती है वर्णन कीजिए
समावयवता मुख्यतः निम्न दो प्रकार की
होती है
1- संरचनात्मक समावयवता
2- त्रिविम समावयवता
संरचनात्मक समावयवता योगिक के अणु में विद्यमान परमाणुओं और समूह के परस्पर
विभिन्न प्रकार के विन्यास क्रम में जोड़ने से उत्पन्न समावयवता को संरचनात्मक
समावयवता कहते हैं अर्थात इस प्रकार की समावयवता में समावयवियो के अनुसूत्र तो
समान होते हैं लेकिन संरचना सूत्र भिन्न-भिन्न होते हैं जैसे कि CH3CH2CHO
एंड CH3COCH3
संरचनात्मक समावयवता के
प्रकार
संरचनात्मक समावयवता निम्न पांच प्रकार
की होती है
1- श्रृंखला समावयवता
2- स्थान समावयवता
3- क्रियात्मक समावयवता
4- मध्यावयवता
5- चलावयवता
त्रिविम समावयवता जब विभिन्न यौगिकों के अनुसूत्र तथा संरचना सूत्र समान होते हैं
लेकिन उनके अणुओ में परमाणुओं या समूहों
की आकाशीय व्यवस्था में भिन्नता होती है तो उनको त्रिविम समावयवी और इस समावयवता
को त्रिविम समावयवता कहते हैं अर्थात इस प्रकार की समावयवता में समांवयवियो के
संरचना सूत्र तो समान होते हैं लेकिन उनके विन्यास से भिन्न भिन्न होते हैं जैसे
कि d तथा
l-लैक्टिक एसिड
श्रंखला समावयवता जब समावयवी योगीक एक ही सजातीय श्रेणी के होते हैं परंतु
उनकी कार्बन श्रंखला की संरचना भिन्न-भिन्न होती है तो ऐसे योगकों को श्रंखला समावयवी
कहते हैं तथा इस समावयवता को श्रंखला समावयवता कहते हैं किसी योगिक के संरचना
सूत्र में केवल कार्बन परमाणुओं की श्रंखला में अंतर होने के कारण उत्पन्न
समावयवता को श्रंखला समावयवता कहते हैं जैसे
C5H12 CH3CH2CH2CH2CH3 CH3CHCH3CH2CH3
स्थान समावयवता इस प्रकार की
समावयवता एक ही सजातीय श्रेणी के यौगिकों में पाई जाती है समावयवता में समावयवी की
कार्बन श्रंखला और उपस्थित प्रतिस्थापी एवं डबल/त्रिबन्ध BOND तो समान होते हैं लेकिन उनका कार्बन श्रंखला में
स्थान भिन्न भिन्न होता है
CH2CHCH2CH3 CH3CHCHCH3
क्रियात्मक समावयवता जब किसी एक ही
अनुसूत्र द्वारा भिन्न-भिन्न क्रियात्मक समूह वाले योगिक प्रदर्शित होते हैं योगीक
परस्पर क्रियात्मक समावयवी कहलाते हैं तथा इस समावयवता को क्रियात्मक समावयवता
कहते हैं क्रियात्मक समावयवी भिन्न-भिन्न सजाती श्रेणियों के सदस्य होते हैं
C2H5OH CH3OCH3
मध्यावयवता एक ही सजातीय श्रेणी
के यौगिकों में समान बहू संयोजक परमाणु या समूह से विभिन्न एल्किल मुल्कों के
जुड़ने से उत्पन्न समावयवता मध्यावयवता कहलाती है और इन सामग्रियों को मध्यावयवी कहते हैं जिन
कार्बन में सभी कार्बन परमाणु सीधे एक दूसरे से जुड़े हुए नहीं होते हैं वह मध्यावयवता
प्रदर्शित करते है
C2H5OC2H5 CH3OC3H7
चलावयवता यह एक विशेष प्रकार
की क्रियात्मक समावयवता है इसमें एक ही पदार्थ दो समावयवी को प्रकट करता है जो
सदैव साम्य में उपस्थित रहते हैं यह समावयवता हाइड्रोजन परमाणु के एक बहुसयोजक
परमाणु से दूसरे बहु संयोजक परमाणु पर स्थानांतरित होने तथा साथ ही बन्धो का
प्रबंधन परिवर्तित होने के कारण उत्पन्न होती है अतः इस समावयवता में एक ही योगीक
ऐसा व्यवहार करता है जैसे कि वह दोनों का मिश्रण है जैसे एथिल एसीटेट एसीटेट चलावयवता
प्रदर्शित करता है
CH3COCH2COOC2H5 CH3COHCHCOOC2H5
ज्यामितीय समावयवता इस प्रकार की समावयवता ऐसे योगीक प्रदर्शित करते
हैं जिनमे द्विबन्ध युक्त कार्बन परमाणु भिन्न भिन्न परमाणुओं से जुड़े होते हैं इन युवकों का
सामान्य सूत्र abC = Cab होता है अर्थात इस प्रकार की समावयवता जो द्विबन्ध
युक्त कार्बन परमाणुओं से जुड़े हुए परमाणु या समूह के भिन्न भिन्न विन्यास के कारण होती है ज्यामिति समावयवता कहते
हैं
वह समावयवी जिसमें दो समान समूह एक ही पक्ष में होते हैं समपक्ष अथवा सिस फॉर्म तथा जिनमें दो भिन्न समूह एक
पक्ष में होते हैं उन्हें विपक्ष रूप अथवा ट्रांसफॉर्म कहते हैं यही कारण है इस
समावयवता को समपक्ष- विपक्ष समावयवता भी कहते हैं
जैसे मैलेइक एवं फ्युमेरिक एसिड C4H4O4
प्रकाशिक समावयवता वह यौगिक जिनके भौतिक एवं रासायनिक गुण समान होते हैं लेकिन समतल
ध्रुवित प्रकाश के प्रति व्यवहार भिन्न भिन्न होता है प्रकाशिक समावयवता कहलाते
हैं और इस प्रकार की घटना को प्रकाशिक समावयवता कहते हैं | CH3CH(OH)COOH
समिति कार्बन परमाणु
किसे कहते हैं
असममित कार्बन परमाणु ऐसा परमाणु होता
है जिसके चारों संयोजकता 4 विभिन्न परमाणुओं अथवा मूलको के द्वारा संतुष्ट होती हैं जिन योगिको में असममित कार्बन परमाणु उपस्थित होता है वह
प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करते हैं जैसे लैक्टिक अम्ल में एक असममित कार्बन
परमाणु उपस्थित है प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करता है \
Chemistry
& Mathematics By-Dr V K Omar
Mo.-9450149685
What is Isomerism?
Isomerism is the
phenomenon in which more than one compounds have the same chemical formula but
different chemical structures. Chemical compounds that have identical chemical
formulae but differ in properties and the arrangement of atoms in the molecule
are called isomers. Therefore, the compounds that exhibit
isomerism are known as isomers.
The word “isomer” is
derived from the Greek words “isos” and “meros”, which mean “equal parts”. This
term was coined by the Swedish chemist Jacob Berzelius in the year 1830.
Types
There are two primary
types of isomerism, which can be further categorized into different subtypes.
These primary types are Structural Isomerism and Stereoisomerism.
The classification of different types of isomers is illustrated below.
Structural Isomerism
Structural isomerism
is commonly referred to as constitutional isomerism. The functional groups and
the atoms in the molecules of these isomers are linked in different ways.
Different structural isomers are assigned different IUPAC names since
they may or may not contain the same functional group. The different types of
structural isomerism are discussed in this subsection.
Chain Isomerism
It
is also known as skeletal isomerism.
Position Isomerism
The
positions of the functional groups or substituent atoms are different in
position isomers.
Functional Isomerism
It
is also known as functional group isomerism.
C3H6O.
Metamerism
This
type of isomerism arises due to the presence of different alkyl chains on
each side of the functional group.
Tautomerism
A
tautomer of a compound refers to the isomer of the compound which only
differs in the position of protons and electrons.
Ring-Chain Isomerism
In
ring-chain isomerism, one of the isomers has an open-chain structure
whereas the other has a ring structure.
Chemistry & Mathematics By-Dr V K Omar Mo.-9450149685
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Stereoisomerism
This type of isomerism arises in
compounds having the same chemical formula but different orientations of the
atoms belonging to the molecule in three-dimensional space. The compounds that
exhibit stereoisomerism are often referred to as stereoisomers. This phenomenon
can be further categorized into two subtypes. Both these subtypes are briefly
described in this subsection.
Geometric Isomerism
It
is popularly known as cis-trans isomerism.
Optical Isomerism
Compounds
that exhibit optical isomerism feature similar bonds but different spatial
arrangements of atoms forming non-superimposable mirror images.
Thus, the concept of
isomerism and its types are briefly discussed in this article. To learn more
about this concept and other related concepts, such as the isotopes of an
element,.
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