Friday, 15 May 2020

समावयवता Isomerism


समावयवता
केमिस्ट्री - डॉ वी के ओमर  AIC INSTITUTE,BARRA-3, 9450149685
समावयवता  जब दो या दो से अधिक यौगिकों के अनुसूत्र समान होते हैं लेकिन उनके संरचना सूत्र भिन्न भिन्न होते हैं भौतिक एवं रासायनिक गुणों में अंतर होता है तो इस विशेष गुण को समावयवता कहते हैं तथा यह यौगिक  समावयवी कहलाते  हैं
जैसे ::C2H8O   C2H5OH   CH3OCH3


 समावयवता कितने प्रकार की होती है वर्णन कीजिए
समावयवता मुख्यतः निम्न दो प्रकार की होती है
1-  संरचनात्मक समावयवता
2-   त्रिविम समावयवता

संरचनात्मक समावयवता योगिक के  अणु में विद्यमान परमाणुओं और समूह के परस्पर विभिन्न प्रकार के विन्यास क्रम में जोड़ने से उत्पन्न समावयवता को संरचनात्मक समावयवता कहते हैं अर्थात इस प्रकार की समावयवता में समावयवियो के अनुसूत्र तो समान होते हैं लेकिन संरचना सूत्र भिन्न-भिन्न होते हैं जैसे कि CH3CH2CHO एंड CH3COCH3

संरचनात्मक समावयवता के प्रकार
संरचनात्मक समावयवता निम्न पांच प्रकार की होती है
1-   श्रृंखला समावयवता
2-  स्थान समावयवता
3-  क्रियात्मक समावयवता 
4-  मध्यावयवता
5-   चलावयवता

त्रिविम समावयवता जब विभिन्न यौगिकों के अनुसूत्र तथा संरचना सूत्र समान होते हैं लेकिन उनके अणुओ  में परमाणुओं या समूहों की आकाशीय व्यवस्था में भिन्नता होती है तो उनको त्रिविम समावयवी और इस समावयवता को त्रिविम समावयवता कहते हैं अर्थात इस प्रकार की समावयवता में समांवयवियो के संरचना सूत्र तो समान होते हैं लेकिन उनके विन्यास से भिन्न भिन्न होते हैं जैसे कि d  तथा  l-लैक्टिक एसिड

 श्रंखला समावयवता जब समावयवी  योगीक एक ही सजातीय श्रेणी के होते हैं परंतु उनकी कार्बन श्रंखला की संरचना भिन्न-भिन्न होती है तो ऐसे योगकों को श्रंखला समावयवी कहते हैं तथा इस समावयवता को श्रंखला समावयवता कहते हैं किसी योगिक के संरचना सूत्र में केवल कार्बन परमाणुओं की श्रंखला में अंतर होने के कारण उत्पन्न समावयवता को श्रंखला समावयवता कहते हैं जैसे 
C5H12       CH3CH2CH2CH2CH3        CH3CHCH3CH2CH3    

 स्थान समावयवता इस प्रकार की समावयवता एक ही सजातीय श्रेणी के यौगिकों में पाई जाती है समावयवता में समावयवी की कार्बन श्रंखला और उपस्थित प्रतिस्थापी एवं  डबल/त्रिबन्ध BOND  तो समान होते हैं लेकिन उनका कार्बन श्रंखला में स्थान भिन्न भिन्न होता है
CH2CHCH2CH3     CH3CHCHCH3
 क्रियात्मक समावयवता जब किसी एक ही अनुसूत्र द्वारा भिन्न-भिन्न क्रियात्मक समूह वाले योगिक प्रदर्शित होते हैं योगीक परस्पर क्रियात्मक समावयवी कहलाते हैं तथा इस समावयवता को क्रियात्मक समावयवता कहते हैं क्रियात्मक समावयवी भिन्न-भिन्न सजाती श्रेणियों के सदस्य होते हैं
C2H5OH   CH3OCH3

 मध्यावयवता एक ही सजातीय श्रेणी के यौगिकों में समान बहू संयोजक परमाणु या समूह से विभिन्न एल्किल मुल्कों के जुड़ने से उत्पन्न समावयवता  मध्यावयवता कहलाती है और इन सामग्रियों को मध्यावयवी कहते हैं जिन कार्बन में सभी कार्बन परमाणु सीधे एक दूसरे से जुड़े हुए नहीं होते हैं वह मध्यावयवता प्रदर्शित करते है
C2H5OC2H5   CH3OC3H7

 चलावयवता यह एक विशेष प्रकार की क्रियात्मक समावयवता है इसमें एक ही पदार्थ दो समावयवी को प्रकट करता है जो सदैव साम्य में उपस्थित रहते हैं यह समावयवता हाइड्रोजन परमाणु के एक बहुसयोजक परमाणु से दूसरे बहु संयोजक परमाणु पर स्थानांतरित होने तथा साथ ही बन्धो का प्रबंधन परिवर्तित होने के कारण उत्पन्न होती है अतः इस समावयवता में एक ही योगीक ऐसा व्यवहार करता है जैसे कि वह दोनों का मिश्रण है जैसे एथिल एसीटेट एसीटेट चलावयवता प्रदर्शित करता है
CH3COCH2COOC2H5      CH3COHCHCOOC2H5

 ज्यामितीय समावयवता  इस प्रकार की समावयवता ऐसे योगीक प्रदर्शित करते हैं जिनमे द्विबन्ध युक्त कार्बन परमाणु भिन्न भिन्न  परमाणुओं से जुड़े होते हैं इन युवकों का सामान्य सूत्र abC = Cab होता है अर्थात इस प्रकार की समावयवता जो द्विबन्ध युक्त कार्बन परमाणुओं से जुड़े हुए परमाणु या समूह के भिन्न भिन्न  विन्यास के कारण होती है ज्यामिति समावयवता कहते हैं
      वह समावयवी जिसमें दो समान समूह एक ही पक्ष में होते हैं समपक्ष  अथवा सिस फॉर्म तथा जिनमें दो भिन्न समूह एक पक्ष में होते हैं उन्हें विपक्ष रूप अथवा ट्रांसफॉर्म कहते हैं यही कारण है इस समावयवता को समपक्ष- विपक्ष समावयवता भी कहते हैं
जैसे मैलेइक एवं  फ्युमेरिक एसिड C4H4O4 

प्रकाशिक समावयवता वह यौगिक जिनके भौतिक एवं रासायनिक गुण समान होते हैं लेकिन समतल ध्रुवित प्रकाश के प्रति व्यवहार भिन्न भिन्न होता है प्रकाशिक समावयवता कहलाते हैं और इस प्रकार की घटना को प्रकाशिक समावयवता कहते हैं |       CH3CH(OH)COOH

समिति कार्बन परमाणु किसे कहते हैं
असममित कार्बन परमाणु ऐसा परमाणु होता है जिसके चारों संयोजकता 4 विभिन्न परमाणुओं अथवा मूलको के द्वारा संतुष्ट होती हैं जिन योगिको  में असममित कार्बन परमाणु उपस्थित होता है वह प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करते हैं जैसे लैक्टिक अम्ल में एक असममित कार्बन परमाणु उपस्थित है प्रकाशिक समावयवता प्रदर्शित करता है  \



Chemistry & Mathematics By-Dr V K  Omar Mo.-9450149685
What is Isomerism?
Isomerism is the phenomenon in which more than one compounds have the same chemical formula but different chemical structures. Chemical compounds that have identical chemical formulae but differ in properties and the arrangement of atoms in the molecule are called isomers. Therefore, the compounds that exhibit isomerism are known as isomers.
The word “isomer” is derived from the Greek words “isos” and “meros”, which mean “equal parts”. This term was coined by the Swedish chemist Jacob Berzelius in the year 1830.

Types
There are two primary types of isomerism, which can be further categorized into different subtypes. These primary types are Structural Isomerism and Stereoisomerism. The classification of different types of isomers is illustrated below.





Structural Isomerism
Structural isomerism is commonly referred to as constitutional isomerism. The functional groups and the atoms in the molecules of these isomers are linked in different ways. Different structural isomers are assigned different IUPAC names since they may or may not contain the same functional group. The different types of structural isomerism are discussed in this subsection.

Chain Isomerism
      It is also known as skeletal isomerism.

      The components of these isomers display differently branched structures.


Commonly, chain isomers differ in the branching of carbon .

An example of chain isomerism can be observed in the compound C5H12, as illustrated below.

Position Isomerism
The positions of the functional groups or substituent atoms are different in position isomers.

Typically, this isomerism involves the attachment of the functional groups to different carbon atoms in the carbon chain.

An example of this type of isomerism can be observed in the compounds having the formula C3H7Cl.

Functional Isomerism
It is also known as functional group isomerism.

As the name suggests, it refers to the compounds that have the same chemical formula but different functional groups attached to them.


An example of functional isomerism can be observed in the compound
 C3H6O.



Metamerism
This type of isomerism arises due to the presence of different alkyl chains on each side of the functional group.

It is a rare type of isomerism and is generally limited to molecules that contain a divalent atom (such as sulfur or oxygen), surrounded by alkyl groups.


Example: C4H10O can be represented as ethoxyethane (C2H5OC2H5) and methoxy-propane (CH3OC3H7).


Tautomerism
A tautomer of a compound refers to the isomer of the compound which only differs in the position of protons and electrons.

Typically, the tautomers of a compound exist together in equilibrium and easily interchange.


It occurs via an intramolecular proton transfer.

An important example of this phenomenon is Keto-enol tautomerism.


Ring-Chain Isomerism
In ring-chain isomerism, one of the isomers has an open-chain structure whereas the other has a ring structure.

They generally contain a different number of pi bonds.


A great example of this type of isomerism can be observed in C3H6. Propene and cyclopropane are the resulting isomers, as illustrated below.
 
Chemistry & Mathematics By-Dr V K  Omar Mo.-9450149685
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Stereoisomerism
        This type of isomerism arises in compounds having the same chemical formula but different orientations of the atoms belonging to the molecule in three-dimensional space. The compounds that exhibit stereoisomerism are often referred to as stereoisomers. This phenomenon can be further categorized into two subtypes. Both these subtypes are briefly described in this subsection.
Geometric Isomerism
It is popularly known as cis-trans isomerism.

These isomers have different spatial arrangements of atoms in three-dimensional space.


An illustration describing the geometric isomerism observed in the acyclic But-2-ene molecule is provided below.


Optical Isomerism
Compounds that exhibit optical isomerism feature similar bonds but different spatial arrangements of atoms forming non-superimposable mirror images.

These optical isomers are also known as enantiomers.

Enantiomers differ from each other in their optical activities.


Dextro enantiomers rotate the plane of polarized light to the right whereas laevo enantiomers rotate it to the left, as illustrated below.
Thus, the concept of isomerism and its types are briefly discussed in this article. To learn more about this concept and other related concepts, such as the isotopes of an element,.
Chemistry & Mathematics By-Dr V K  Omar Mo.-9450149685


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